राजस्थान की भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला, पुलिस भर्ती में महिलाओं को मिलेगा 33% आरक्षण
भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राजस्थान के राज्यपाल, राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 को और संशोधित करने के लिए, इसके द्वारा निम्नलिखित नियम बनाते हैं, अर्थात्ः-
1. संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ. (1) इन नियमों का नाम राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा (संशोधन) नियम, 2024 है।
(2) ये राजपत्र में इनके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होंगे।
2. नियम 7 ख का प्रतिस्थापन. राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के विद्यमान नियम 7ख के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जायेगा,
अर्थात् :-7ख. महिलाओं के लिए रिक्तियों का आरक्षण. सीधी भर्ती में महिला अभ्यर्थियों के लिए रिक्तियों का आरक्षण प्रवर्गवार 33 प्रतिशत होगा, जिसमें से एक तिहाई विधवाओं और विछिन्न विवाह-महिला अभ्यर्थियों के लिए 80:20 के अनुपात में होगा। किसी वर्ष विशेष में या तो विधवा या विछिन्न विवाह-महिलाओं में से किसी में पात्र और उपयुक्त अभ्यर्थियों के उपलब्ध न होने की दशा में, रिक्तियों को प्रथमतः अन्तर-परिवर्तन द्वारा, अर्थात् विधवाओं के लिए आरक्षित रिक्तियों को विछिन्न विवाह-महिलाओं से या विपर्ययेन, भरा जा सकेगा। पर्याप्त रूप से विधवा और विछिन्न विवाह-अभ्यर्थियों के उपलब्ध न होने की दशा में, न भरी गयी रिक्तियां उसी प्रवर्ग की अन्य महिलाओं द्वारा भरी जायेंगी और पात्र तथा उपयुक्त महिला अभ्यर्थियों के उपलब्ध न होने की दशा में उनके लिए इस प्रकार आरक्षित रिक्तियां उस प्रवर्ग के पुरुष अभ्यर्थी द्वारा भरी जायेंगी जिसके लिए रिक्तियां आरक्षित हैं। महिला अभ्यर्थियों के लिए इस प्रकार आरक्षित रिक्ति पश्चात्वर्ती वर्ष के लिए अग्रनीत नहीं की जायेगी। विधवाओं और विछिन्न विवाह-महिलाओं सहित, महिलाओं के लिए आरक्षण की, प्रवर्ग के भीतर, क्षैतिज आरक्षण माना जायेगा अर्थात् प्रवर्ग की सामान्य योग्यता में चयनित महिलाओं को भी पहले महिला कोटे के विरुद्ध समायोजित किया जायेगाः परंतु यदि सेवा में सम्मिलित किसी पद के लिए महिलाओं के लिए आरक्षण 30% से अधिक भी हो तो भी विधवाओं और विछिन्न विवाह-महिला अभ्यर्थियों के लिए प्रवर्गवार आरक्षण, कुल रिक्तियों के क्रमशः 8% और 2% से अधिक नहीं होगा।
स्पष्टीकरणः
विधवा के मामले में, उसे अपने पति की मृत्यु का सक्षम प्राधिकारी से प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा और विछिन्न विवाह महिला के मामले में उसे विवाह- विच्छेद का सबूत प्रस्तुत करना होगा।"
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