सीईटी की वैधता अवधि 3 साल होगी, चयन बोर्ड ने शुरू किया प्रयास, अन्य परीक्षाओं पर कर पाएंगे फोकस
समान पात्रता परीक्षा (सीईटी)
स्नातक और सीनियर सेकंडरी लेवल के प्रमाण पत्र की अवधि 3 साल हो सकती है। युवाओं की मांग के बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने वैधता अवधि बढाने को लेकर प्रयास शुरू कर दिया है। युवाओं का कहना है कि जब रीट-सीटेट जैसी पात्रता परीक्षाओं के प्रमाण पत्रों की वैधता अवधि आजीवन है तो इस सीईटी की वैधता अवधि एक साल क्यों है। सीईटी के पात्रता प्रमाण पत्रों की अवधि 3 साल या इससे अधिक की जाए, ताकि युवाओं को राहत मिल सके। वर्तमान में एक साल वैधता अवधि होने से ना केवल युवाओं को हर साल परीक्षा से गुजरने की नौबत आती है, बल्कि परीक्षा आयोजन को लेकर चयन बोर्ड को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए चयन बोर्ड भी अपने स्तर पर अब इस प्रयास में जुटेगा कि सीईटी की वैधता अवधि बढ़ाई जाए। दरअसल, सीईटी के पात्रता प्रमाण पत्र की अवधि इसका परिणाम जारी होने से एक साल तक रहती है। अगर एक साल में कोई भर्ती नहीं निकली तो प्रमाण पत्र की वैधता खत्म हो जाती है। इसके बाद सीईटी में शामिल भर्ती तब तक नहीं निकाली जा सकती जब तक की फिर से सीईटी का आयोजन नहीं हो जाता। इससे युवा भर्तियों का इंतजार करते रहते हैं। साथ ही हर साल युवाओं को सीईटी देना पड़ता है।
हर साल दो परीक्षा करवाना बड़ी चुनौती
सीईटी में लाखों अभ्यर्थी शामिल होते हैं। एक साल वैधता अवधि बहुत कम है। एक साल के भीतर इसमें शामिल कोई भर्ती अगर नहीं निकली तो फिर भर्ती से पहले सीईटी का आयोजन जरूरी है। इसमें वे सभी अभ्यर्थी बैठेंगे जो पहले भी बैठ चुके थे। यानी हर साल बोर्ड को लाखों अभ्यर्थियों के हिसाब से परीक्षा की तैयारी करनी होती है। अगर इसकी वैधता अवधि 3 साल या अधिक हो जाती है तो सीईटी की परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या कम रहेगी और व्यवस्थाओं में बोर्ड के संसाधन बच सकेंगे।
ऐसे बढ़ती है इस परीक्षा में संख्या
सीईटी-2022, 12वीं लेवल में 16,33,632 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। सीईटी-2024 में 20 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं। इसके लिए अभी आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। इसी तरह से सीईटी-2022 स्नातक में 11,27,659 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इस बार सीईटी-2024 में आवेदकों की संख्या बढ़कर 13,04,142 हो गई है। अगर ऐसे ही हाल रहे और वैधता अवधि एक साल रही तो हर बार आवेदकों की संख्या बढ़ती जाएगी।
• सीईटी की वैधता
अवधि एक साल बहुत कम है। इससे युवाओं को परेशानी होती है। उन्होंने हमसे इसकी वैधता अवधि बढ़ाने की मांग की है। वैधता अवधि बढ़ाने के लिए हम प्रयास करेंगे, ताकि युवाओं को राहत मिले। - आलोक राज, अध्यक्ष, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड
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